Tuesday 31 July 2012

भारत का प्रदर्शन निराश करता है: लक्ष्मी मित्तल


 ब्रिटेन के सबसे अमीर व्यक्ति लक्ष्मी निवास मित्तल का कहना है कि भारत को बचपन से ओलंपियन तैयार करने पर ज़ोर देना होगा.

बीबीसी से एक विशेष बातचीत में उन्होंने कहा, "ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन मुझे हमेशा निराश करता है, भारतीय टीम को बहुत अधिक प्रशिक्षण, तकनीकी जानकारी और अभ्यास की ज़रूरत है जो उनके पास नहीं है."

मित्तल ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि भारत में लोग बचपन से खिलाड़ी तैयार करने पर ध्यान नहीं देते हैं जबकि यहाँ ब्रिटेन में दिखता है कितनी लगन से खिलाड़ियों को तैयार किया जाता है. वहाँ सारा ध्यान क्रिकेट पर रहता है."

दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी आर्सेलर मित्तल के चेयरमैन का कहना है कि भारत में खेलों की हालत को देखते हुए उन्होंने एक ट्रस्ट शुरू किया है जो भारतीय एथलीटों की मदद करता है.

मुझे नहीं लगता कि भारत में लोग बचपन से खिलाड़ी तैयार करने पर ध्यान नहीं देते हैं जबकि यहाँ ब्रिटेन में दिखता है कितनी लगन से खिलाड़ियों को तैयार किया जाता है|

उन्होंने कहा, "मुझे ख़ुशी है कि मेरे ट्रस्ट से जुड़े हुए कुल 16 एथलीट अलग-अलग स्पर्धाओं में हिस्सा लेने के लिए यहाँ आए हैं, अभी खेल के मैदान में भारत को बहुत काम करने की ज़रूरत है."

ब्रितानी टीम के बारे में उन्होंने कहा, "मैं ब्रिटेन की टीम को समर्थन दे रहा हूँ, मैं आशा करता हूँ कि ब्रिटेन की टीम बीजिंग ओलंपिक के मुक़ाबले अधिक पदक जीते, पिछले ओलंपिक में उन्होंने 19 स्वर्ण पदक जीते थे इस बार मैं चाहता हूँ कि वे अधिक से अधिक पदक हासिल करें."

ओलंपिक आयोजन से जुड़े लोगों की तारीफ़ करते हुए उन्होंने कहा, "कई लोग आशंका व्यक्त कर रहे थे कि लंदन ओलंपिक का आयोजन अच्छी तरह कर पाएगा या नहीं, मगर मेयर बोरिस जॉनसन और उनकी टीम ने कमाल का काम किया है, सब कुछ बेहतरीन तरीक़े से आयोजित किया गया है. हम सबको अपनी इस सफलता पर गर्व करना चाहिए."

लंदन के ओलंपिक विलेज का मुख्य आकर्षण है आर्सेलर मित्तल टावर जिसे बनाने के लिए उनकी कंपनी ने स्टील दिया था, इस टावर का डिज़ाइन तैयार किया है भारतीय मूल के कलाकार अनीश कपूर ने.


स्टेडियम के बगल में है मित्तल टावर

इस टावर को यूरोप की सबसे बड़ा कलाकृति कहा जा रहा है, जबकि कुछ लोग इसे भोंडा बताते हुए इसकी आलोचना कर रहे हैं. यह टावर अपने निर्माण से पहले ही काफ़ी चर्चा में रहा है.

टावर के बारे में मित्तल ने कहा, "यह मुझे बहुत पसंद है, यह एक बेहतरीन कलाकृति है, इसका डिज़ाइन बहुत सुंदर है, यह बेजोड़ इंजीनियरिंग का नमूना है."

पिछले दिनों क्वीन एलिज़ाबेथ ने मित्तल टावर के ऊपर बने प्लेटफ़ार्म से ओलंपिक विलेज को देखा, लक्ष्मी मित्तल का कहना है कि महारानी को उनका बनवाया हुआ टावर बहुत पसंद आया.

जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने टावर बनवाने की क्यों सोची, तो उन्होंने कहा, "मैं इतने वर्षों से लंदन में रहता हूँ, मैं लंदन को कुछ देना चाहता था, मैं इस बात से बहुत खुश हूँ कि मैं लंदन को एक ऐसी चीज़ दे पाया हूँ जो लंबे समय तक कायम रहेगी."

Monday 30 July 2012

भारी बारिश के कारण टेनिस मुकाबले स्थगित


लंदन। लंदन ओलंपिक में टेनिस के भारतीय पुरुषों के युगल मुकाबले भारी बारिश के कारण रविवार को स्थगित हो गए। इसके अलावा एकल मुकाबले में सोमदेव देववर्मन को भी मुकाबला बीच में ही रोकना पड़ा। पुरुष युगल खेलने आए विष्णुवर्धन को अब एकल में भी चुनौती पेश करने का मौका मिलेगा।
लिएंडर पेस एवं विष्णुवर्धन की जोड़ी का मुकाबला हालैंड के रॉबिन हसे एवं जीन-जूलियन रोजर की जोड़ी से था, जबकि महेश भूपति एवं रोहन बोपन्ना का मुकाबला बेलारुस के मैक्स मिरनई एवं अलेक्जेंडर बरी से था। एकल मुकाबले में भारत के सोमदेव देववर्मन एवं फिनलैंड के जारको निमेनन के बीच चल रहे मुकाबले को बीच में ही रोकना पड़ा। जिस समय मुकाबला रुका सोमदेव 3-6, 01 से पीछे थे। विष्णुवर्धन का पहले दौर में मुकाबला स्लोवानिया के ब्लाज केविसिस से था।

प्री-क्वार्टर फाइनल में बोम्बाल्या


लंदन। भारत की तीरंदाज एल.बोम्बाल्या देवी लंदन ओलंपिक की महिला व्यक्तिगत तीरंदाजी स्पर्धा के प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई है। बोम्बाल्या ने सोमवार को लॉ‌र्ड्स क्रिकेट मैदान पर ग्रीस की पसारा को 6-4 से हराया। बोम्बाल्या ने पांच सेट में कुल 129 अंक हासिल किए जबकि पसारा को 125 अंक मिले।
पहले सेट में बोम्बाल्या ने 25, दूसरे में 28, तीसरे में 28, चौथे में 23 और पांचवें में 25 अंक प्राप्त किए जबकि पसारा ने पांच सेटों में क्रमश: 27, 24, 26, 23 और 25 अंक जुटाए। बोम्बाल्या ने रैकिंग राउंड में कुल 651 अंक हासिल करते हुए 22वां स्थान प्राप्त किया जबकि पसारा 636 अंकों के साथ 43वें स्थान पर रही थीं।

अब तक का सफर और खास उपलब्धिया



नई दिल्ली। अभिनव बिंद्रा के ओलंपिक से बाहर हो जाने के बाद 29 वर्षीय गगन नारंग ने देश को कास्य पदक दिलाकर बड़ी खुशी दी है। गगन को 2010 में पद्मश्री अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा इसी वर्ष उन्हें राजीव गाधी खेल रत्‍‌न से भी नवाजा गया। गगन का जन्म 6 मई 1983 को मद्रास इंडिया में हुआ था। गगन नारंग मूल रूप से पानीपत जिले से हैं।
गगन की अब तक की उपलब्धिया
गोल्ड : 2006 मेलबर्न, 10 मीटर एयर राइफल, व्यक्तिगत
गोल्ड : 2006 मेलबर्न, 10 मीटर एयर राइफल, पेयर
गोल्ड : 2006 मेलबर्न, 50 मीटर राइफल, 3 पोजिशन, व्यक्तिगत
गोल्ड : 2006 मेलबर्न, 50 मीटर राइफल, 3 पोजिशन, पेयर
-कॉम्नवेल्थ गेम्स, दिल्ली
गोल्ड 2010 दिल्ली, 10 मीटर एयर राइफल, व्यक्तिगत गोल्ड : 2010 दिल्ली, 10 मीटर एयर राइफल, पेयर गोल्ड : 2010 दिल्ली, 50 मीटर राइफल, 3 पोजिशन, व्यक्तिगत गोल्ड: 2010 दिल्ली, 50 मीटर राइफल, 3 पोजिशन, पेयर
गोल्ड : 2003 में एशियन गेम्स.
सिल्वर मेडल : 2008 आईएसएसएफ व‌र्ल्ड कप फाइनल।

Sunday 29 July 2012

सोनिया चानू ने भी किया निराश, रहीं सातवें स्थान पर


कुमार पर टिकी हैं जो पुरुष वर्ग के 69 किग्रा में भाग लेंगे।भारत को भारोत्तोलन में भी निराशा ही हाथ लगी। भारत की सोनिया चानू को ओलंपिक महिला भारोत्तोलन में शनिवार को यहा सातवें स्थान से संतोष करना पड़ा। महिलाओं के 48 किग्रा भार वर्ग में चानू ने स्नैच में 74 तथा क्लीन एवं जर्क में 97 किग्रा भार उठाया। वह स्नैच में में सातवें और क्लीन एवं जर्क में आठवें स्थान पर रही थी। चानू ने कुल 171 किग्रा भार उठाया और आखिर में सातवें स्थान पर रही। चीन की चार बार की विश्व चैंपियन वाग मिंगुएन ने कुल 205 किग्रा (स्नैच में 91 तथा क्लीन एवं जर्क में 114) ने इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता। जापान की हिरोमी मियाकी (197 किग्रा) ने रजत जबकि उत्तर कोरिया की चुन हुवा रियाग (192 किग्रा) ने कास्य पदक हासिल किया। भारोत्तोलन में अब भारत की उम्मीद रवि 

महिला तीरंदाजी टीम भी हुई बाहर


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भारत की पुरुष तीरंदाजी टीम के बाहर होने के बाद अब महिला तीरंदाजी टीम भी खिताब की दौड़ में नहीं रही। महिला टीम रविवार को लॉ‌र्ड्स क्रिकेट मैदान पर हुई तीरंदाजी टीम स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में डेनमार्क के हाथों हार गई। इसी के साथ ओलंपिक में उसका सफर समाप्त हो गया। विश्व की सर्वोच्च वरीयता प्राप्त दीपिका कुमारी, बोम्बाल्या देवी और सी. सुरो की टीम डेनमार्क के हाथों 210-211 के अंतर से हारीं। तीसरे राउंड में सुरो ने व्यक्तिगत तौर पर खराब प्रदर्शन करते हुए सिर्फ छह अंक हासिल किए थे जो भारत के लिए महंगा साबित हुआ। दीपिका और बोम्बाल्या ने व्यक्तिगत तौर पर अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन सुरो के औसत प्रदर्शन के कारण उन्हे भी निराशा हाथ लगी। अब भारतीय तीरंदाज व्यक्तिगत स्पर्धाओं में हाथ आजमाएंगी जहां दीपिका से पदक की उम्मीद की जा सकती है। पुरुष टीम पहले ही खिताब की दौड़ से बाहर हो चुकी है।

फेडरर की नजर सिंगल्स और डबल्स दोनों पर


लंदन ओलम्पिक में टेनिस के पुरुष एकल मुकाबलों के पहले दौर में कोलम्बिया के एलेजांड्रो फाला के खिलाफ शानदार जीत दर्ज करने के बाद स्विट्जरलैंड के मशहूर टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर की निगाहें एकल और युगल दोनों पदकों पर लग गई हैं। चार वर्ष पूर्व बीजिंग ओलम्पिक में स्तानिस्लास वावरिंका के साथ मिलकर पुरुष युगल का स्वर्ण पदक जीतने वाले फेडरर ने फाला को लगभग दो घंटों तक चले मुकाबले में 6-3, 5-7, 6-3 से हराया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार फेडरर ने कहा, 'मैं सिडनी ओलम्पिक का हिस्सा था। अब उसे 12 वर्ष बीत चुके है और इसने निश्चित तौर पर मेरे भीतर एक आग जला दी है, उम्मीद है कि इस बार ओलम्पिक में मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगा।' उन्होंने कहा, 'एथेंस को छोड़कर मेरे अब तक सभी ओलम्पिक बढि़या गए है। लेकिन मैं जीवन में हमेशा कुछ न कुछ सीखता हूं। मैं समझता हूं कि हर बार जब मैंने ओलम्पिक में हिस्सा लिया है, तो पदक पाना चाहा है और इस बार यहां मैं एकल और युगल दोनों पदक जीतना चाहता हूं।' फेडरर ने इस महीने की शुरुआत में विम्बलडन में अपना सातवां खिताब जीता था।

नौकायन में स्वर्ण सिंह क्वार्टर फाइनल में


भारत के नाविक स्वर्ण सिंह शानदार प्रदर्शन करते हुए लंदन ओलंपिक की पुरुषों की सिंगल स्कल्स स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए है। सिंह ने रेपेज वन में सात मिनट 00.49 सेकेंड समय के साथ पहला स्थान हासिल किया और अंतिम आठ में जगह बनाने में सफल रहे। एटॉन डॉर्नी में रविवार को आयोजित तीसरे लेन से शुरुआत करने वाले सिंह को दक्षिण कोरिया के किम डी से कड़ी टक्कर मिली। किम ने सात मिनट 03.91 सेकेंड समय के साथ लेन दो में दूसरा स्थान हासिल किया और क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। पेरू के एस्पीलागा अलायजा तीसरे और टयूनिशिया के ए.मेजरी चौथे स्थान पर रहे। कैमरन के इटिया दुम्गे को पांचवां स्थान मिला। ये तीनों नाविक अगले चरण में जगह बनाने में असफल रहे।