तीन बार ओलंपियन रहे 40 वर्षीय लिम्बा राम पहली बार 6 भारतीय तीरंदाजों के कोच बनकर लंदन गए हैं। उन्होंने कहा कि उनके तीरंदाज तो कामयाबी के भूखे हैं, उनको ओलंपिक के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार है जिसमें उन्हें अपना पहला पदक जीतना है। लिम्बा बोले कि उनकी टीम का पूरा ध्यान अपनी जीत पर है और इससे पहले उन्होंने अपने तीरंदाजों को जीतने के लिए इतना उत्सुक नहीं देखा। उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कहता कि हम स्वर्ण पदक जीतेंगे ही जीतेंगे पर यह जरूर होगा कि जब हम वापस भारत लौटेंगे तो हमारा सिर गर्व से ऊंचा होगा। अपनी तीरंदाजों की तैयारी के बारे में लिम्बा ने कहा कि लंदन के मौसम की वजह से उनके तीरंदाज थोड़ा बीमार हो गये थे पर अब वह बिल्कुल ठीक हैं और शुक्रवार को होने वाले रैकिंग राउंड के लिए बिल्कुल तैयार हैं। रैकिंग राउंड शुक्रवार को लॉर्ड के नर्सरी ग्राउंड में होगा और मेडल राउंड शनिवार को मुख्य स्टेडियम में होगा। लिम्बा 1992 के बार्सेलोना गेम्स में एक प्वॉइंट से कांस्य पदक हार गये थे। इस बारे में उन्होंने कहा कि अभी उनको अपने आपको साबित करना बाकी है और इस बार वह अपने आपको अपने प्रतिभागियों द्वारा साबित करेंगे।
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