भारतीय एथलेटिक्स संघ ने एथलीटों की लंदन ओलंपिक में निजी कोच साथ ले जाने की मांग को मान लिया है। जिन स्पद्र्धाओं में पदक की सबसे ज्यादा उम्मीद है एथलेटिक्स संघ ने सिर्फ उन खिलाड़ियों को अपने साथ निजी कोच ले जाने की इजाजत दी है।
संघ ने बताया कि विकास गौड़ा [चक्का फेंक] के साथ उनके पिता व कोच शिव गौड़ा, कृष्णा पूनिया [चक्का फेंक] के साथ पति व कोच वीरेंद्र, मुख्य राष्ट्रीय कोच बहादुर सिंह और पैदल धावकों के साथ गुरुदेव सिंह और आर गांधी बारी-बारी से कोच के तौर पर लंदन जाएंगे। संघ के सूत्र ने बताया कि भारतीय ओलंपिक संघ [आइओए] ने चौदह एथलीटों के लिए सिर्फ चार कोच भेजने की ही अनुमति दी थी। मयूखा जानी [तिहरी कूद] ने भी निजी कोच श्याम कुमार सिंह को साथ भेजने की मांग की थी। मयूखा ने मांग की थी कि यदि उनके कोच को लंदन जाने की अनुमति नहीं मिलती है तो कम से कम उस एक दिन का पास मुहैया कराया जाए, जिस दिन उनकी स्पद्र्धा है।
एथलेटिक्स संघ ने मयूखा की मांग पर कहा कि विशेष पास देने का अधिकार आइओए का है। हरेक को यह विशेष पास दिलाना पाना संभव नहीं है, हर एथलीट को दो पास मिले हुए हैं और वे चाहें तो उस पास पर अपने साथ निजी कोच ले जा सकते हैं।
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