महज 18 साल की उम्र में वह दुनिया में नंबर एक तीरंदाज और भारत की ओलंपिक खेलों में पदक जीतने की प्रबल दावेदार हैं। लेकिन दीपिका कुमारी पर उम्मीदों का किसी प्रकार का दबाव नहीं है। इस युवा तीरंदाज का कहना है कि लंदन ओलंपिक कोई भूत नहीं है जिससे डरा जाए।
असाधारण प्रतिभा की धनी दीपिका ने अपने बेहद शात स्वभाव के कारण ही छोटी उम्र में जबर्दस्त सफलता हासिल की है। दीपिका ने इस साल अपने प्रदेश के बड़े खिलाड़ी टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी से राची में मुलाकात की थी और विश्व कप विजेता कप्तान की जमकर तारीफ करते हुए कहा था कि वह एक महान हस्ती हैं। उन्होंने कहा कि हम दोनों एक ही राज्य से आते हैं और यह गर्व की बात है।
लंदन के लिए रवाना होने से पूर्व दीपिका ने कहा कि उम्मीद है कि मैं ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का अपना लक्ष्य पूरा कर सकती हूं, जो हर खिलाड़ी की जिंदगी का सपना होता है। दबाव में भी शात बने रहने का राज पूछने पर राष्ट्रमंडल खेलों की दोहरी स्वर्ण विजेता दीपिका ने कहा कि ओलंपिक कोई भूत नहीं है, इसलिए किसी प्रकार से डरने की जरूरत नहीं है। मुझे अपने ऊपर यकीन है और पूरा आत्मविश्वास है। यही वजह है कि आज मैं यहां हूं। दीपिका का स्वभाव भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान और राज्य के साथी खिलाड़ी महेंद्र सिंह धौनी से मेल खाता है।
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