भारतीय हॉकी के मुख्य कोच माइकल नोब्स ने विश्व हॉकी में नीली टर्फ के इस्तेमाल की आलोचना करते हुए कहा कि वह नहीं जानते कि लंदन ओलंपिक के आयोजकों ने इस तरह की धीमी और उछाल भरी टर्फ पर प्रतिस्पद्र्धा कराने का फैसला क्यों किया।
नोब्स ने कहा, 'नीली टर्फ पारंपरिक हरी पिच के मुकाबले कहीं नहीं टिकती और सभी टीमों को इस नीली टर्फ पर सामंजस्य बिठाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।' उन्होंने बताया कि स्पेन के दौरे के दौरान हम नीली टर्फ पर खेले थे और मैं आपको बताता हूं कि इस दौरान क्या हुआ। कोई भी टीम, जिसमें हम भी शामिल हैं, ज्यादातर पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील नहीं कर सकी। हम 33 पेनाल्टी कॉर्नर में से सिर्फ तीन को गोल में बदल सके।
भारतीय हॉकी कोच ने कहा, 'यह टर्फ एक ही कंपनी बना रही है, लेकिन यह अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग व्यवहार कर रही है। मौसम के हिसाब से भी टर्फ का बर्ताव बदल जा रहा है। फ्रांस में हम हरी टर्फ पर खेले थे जो तेज थी, जबकि नीली टर्फ धीमी और उछाल भरी थी। मैं नहीं जानता कि इस टर्फ को ओलंपिक में क्यों शामिल किया गया, शायद इसलिए कि नीला रंग ओलंपिक से जुड़ा हुआ है।' लंदन खेलों में हॉकी रिवरबैंक एरीना में नई नीली टर्फ पर खेली जाएगी, जो अपनी अप्रत्याशित प्रकृति के कारण चर्चा का विषय बन गई है। नोब्स के अलावा ऑस्ट्रेलियाई टीम के कोच रिक चार्ल्सवर्थ ने भी नीले टर्फ की जमकर आलोचना की थी
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