Wednesday 11 July 2012

आईओए की सख्ती से 'टूर टू लंदन' खटाई में


ओलिम्पिक नजदीक आते ही नेताओं, नौकरशाहों और खेल प्रशासकों की ओलिम्पिक में जाने की इच्छा हिलोरे मारने लगती है लेकिन इस बार भारतीय ओलिम्पिक संघ (आईओए) की सख्ती से ऐसे दिग्गजों का 'टूर टू लंदन' खटाई में पड़ गया है। आईओए ने नेताओं, नौकरशाहों और खेल प्रशंसकों के लंदन ओलिम्पिक के लिए मान्यता पत्र और टिकट मांगने के आग्रह को बड़ी सख्ती से ठुकरा दिया है। आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा हमारे पास लंदन ओलिम्पिक के लिए 1000 से ज्यादा आग्रह आए थे कि टिकट चाहिए लेकिन हमने सबको मना किया है। मल्होत्रा ने कहा हमारे यहां हर दूसरा आदमी वीआईपी है। हर कोई टिकट मांग रहा है जो कतई संभव नहीं है। मुझे मालूम है कि इससे काफी लोग नाराज होंगे लेकिन हमारे पास उन्हें न कहने के सिवा कोई चारा नहीं है। रोजाना पांच सात फोन आते हैं लेकिन लंदन ओलिम्पिक में इस बार काफी सख्ती के साथ राष्ट्रीय ओलिम्पिक समितियों को मान्यता पत्र और टिकट दिए जा रहे हैं।

आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष ने कहा पिछले बीजिंग ओलिम्पिक में 166 लोगों का भारी भरकम प्रतिनिधिमंडल गया था लेकिन इस बार नेताओं, नौकरशाहों और प्रशासकों को लंदन की उड़ान पकड़ने का मौका नहीं मिलेगा। बीजिंग ओलिम्पिक में तो काफी लोग राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों का बहाना लेकर चले गए थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। मल्होत्रा ने कहा हमने स्पष्ट किया है कि जिन खेलों में खिलाड़ियों ने ओलिम्पिक के लिए क्वालीफाई किया है केवल उन खेल महासंघों के एकएक प्रतिनिधि को ओलिम्पिक भेजा जाएगा। ओलिम्पिक के लिए ।3 खेल महासंघों ने क्वालीफाई किया है और उनके अध्यक्ष या अन्य अधिकारी ओलिम्पिक भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा हमारे 81 खिलाड़ी इस बार लंदन ओलिम्पिक में उतरेंगे लेकिन लंदन ओलिम्पिक आयोजन समिति की व्यवस्था के तहत हर 20 एथलीट पर एक गेस्ट पास दिया जाता है। इस हिसाब से हमें चार पास मिलेंगे। इन प्रतिनिधियों को बारीबारी से ये पास दिए जाएंगे। ये सभी एक साथ नहीं जा सकेंगे। इन्हें पांच-पांच दिन के अंतराल के बाद मौका मिलेगा। मल्होत्रा ने साथ ही कहा कि इन 13 फेडरेशनों के प्रतिनिधि उद्घाटन समारोह में जाना चाहते है लेकिन सबको 'एडजस्ट' करना कतई संभव नहीं है। इन्हें बारीबारी से ही मौका मिलेगा। आईओए के अध्यक्ष ने कहा इस बार टिकट की भारी समस्या हैं। हमें उद्घाटन समारोह के तीन वर्गो के सिर्फ 20 टिकट और समापन समारोह के सिर्फ 40 टिकट मिले हैं। हर वीआईपी न केवल अपने लिए बल्कि अपने साथ पांच-सात लोगों के लिए टिकट मांग रहा है। खेल मंत्रालय की भी मांग है। उसके 10 प्रतिनिधि रहे हैं लेकिन वे ज्यादा टिकट मांग रहे हैं मगर हमारे हाथ बंधे हुए है।

मल्होत्रा ने कहा स्थिति यह है कि लंदन स्थित भारतीय उच्चायुक्त भी हमसे टिकट मांग रहे हैं। ओलिम्पिक का सख्त निमय है कि देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और खेल मंत्री को ही मान्यता पत्र दिया जाता है। यदि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री उद्घाटन समारोह में आ रहे हैं तभी जाकर उच्चायुक्त को मान्यता पत्र मिल पाता है। आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष ने कहा हमारी अपनी भी समस्या है। देश में 29 खेल महासंघ और 34 राज्य ओलिम्पिक संघ है। इनमें से हर कोई जाना चाहता है। राज्यों की सरकारों के दल भी जाना चाहते है। मल्होत्रा ने कहा दरअसल केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों को चिट्ठी लिखी थी कि लंदन में जगह के लिए उच्चायुक्त से सम्पर्क करें जबकि टिकट के लिए आईओए से सम्पर्क करें। हमारे पास रोजाना फोन आ रहे है, चिट्ठी आ रही है लेकिन हम सख्ती से सभी को इनकार कर रहे है।

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